देहरादून। देश की संसद परिसर में भाजपा सांसदों की सपा नेताओं के साथ फोटो खिंचवा कर बाकायदा उसे वायरल करने से राज्य के आंदोलनकारी भड़क उठे हैं। राज्य के नेताओं को उन सपा नेताओं के साथ गलबहियां करते देख आंदोलनकारियों का दर्द झलक उठा। कहा, जिस सपा की सरकार में मुजफ्फरनगर में उत्तराखंड की अस्मिता तार तार की गई। मसूरी, खटीमा में राज्य के युवाओं के साथ खून की होली खेली गई, आज उत्तराखंड के नेताओं के उसी सपा के नेताओं के साथ गलबहियां करने से समूचे उत्तराखंडी आहत हैं।
दरअसर गुरुवार को संसद भवन परिसर में भाजपा सांसद अनिल बलूनी, त्रिवेंद्र रावत और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत की फोटो सपा सांसद डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव के साथ नजर आई। इस फोटो में सभी नेता प्रसन्नचित मुद्रा में फोटो शूट कराते नजर आ रहे हैं। वैसे ये एक सामान्य फोटो है, लेकिन फोटो में भाजपा सांसदों की फोटो, जिस पार्टी के नेताओं के साथ है, उस पार्टी का नाम भर सुनने से उत्तराखंड के आम जनमानस और आंदोलनकारियों की भुजाएं फड़क उठती हैं। आंखों में 1994 का वो वहशियाना दौर उतर आता है। जब मुजफ्फरनगर में उत्तराखंड की अस्मिता को रौंदने का काम हुआ। उत्तराखंड के घर के घर उजाड़ने का काम सपा सरकार में हुआ।
मसूरी, खटीमा में राज्य के आंदोलनकारियों को गोली से उड़ा दिया गया। बर्बर लाठीचार्ज हुआ। इन घटनाओं के बाद से ही सपा नेताओं और खासतौर पर मुलायम सिंह यादव के परिवार को लेकर आम उत्तराखंडियों में एक सहज भाव नहीं रहता। यही वजह है, जो सपा नेता भी उत्तराखंड बहुत सहज भाव के साथ नहीं आते, स्थानीय प्रशासन के लिए यादव परिवार का उत्तराखंड में भ्रमण हमेशा एक कानून व्यवस्था का सवाल रहता है। इन हालात में उत्तराखंड भाजपा नेताओं का इस तरह संसद परिसर में यादव परिवार के साथ फोटो शूट कराना और फोटो को वायरल कराना किसी के गले नहीं उतर रहा है। सभी इस फोटो शूट से खुद को आहत महसूस कर रहे हैं।