जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र की निकायों में फीस की नहीं दी जा रही रसीद, शासन हुआ सख्त, देहरादून नगर निगम में फिर सामने आने वाला है बड़ा घपला! देहरादून नगर निगम में नहीं दी जाती रसीद
देहरादून। प्रदेश के नगर निकायों में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र लेने पर लोगों को शुल्क रसीद नहीं दिए जाने के मामले में शासन ने संज्ञान लिया है। एक सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर शासन ने शहरी विकास निदेशालय को प्रदेश के सभी नगर निकायों में जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं, देहरादून नगर निगम में बीते एक साल पहले ही यह व्यवस्था बंद हुई है जबकि पूर्व तक यहां रसीद दी जाती थी। ऐसे में बड़ी आशंका है कि निगम में फीस के इस पैसे की बंदरबांट की जा रही है और जांच होने पर यह घोटाला सामने आ सकता है। बता दें कि पहले ही देहरादून नगर निगम में पहले ही स्वच्छता समितियों का घोटाला सामने आ चुका है जिस पर शाशन ने कार्रवाई रिपोर्ट तलब की हुई है जबकि निगम स्तर से इसे दबाने की भरसक प्रयास किये जा रहे।
मेहूंवाला निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद आशिक ने बीते आठ जुलाई को शहरी विकास सचिव को पत्र लिखकर
मामले में शिकायत की थी। इसमें उसने कहा कि आवेदकों को मृत्यु व जन्म प्रमाणपत्र बनाने में रसीद तक नहीं दी जाती है। इस वजह से तमाम लोगों को परेशान होकर कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। शिकायत में कहा गया कि जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र सरकारी सेवा में है। यह प्रमाण पत्र सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत अधिसूचित की गई अति महत्वपूर्ण सेवाओं में से एक है। वहीं बताया कि उत्तराखंड सेवा का अधिकार आयोग की ओर से जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की समय सीमा 15 दिन तय है। दूसरी तरफ आय, जाति, स्थायी निवास, चरित्र प्रमाणपत्र, उत्तरजीवी और हैसियत बनाने में लोगों को रसीद जाती है।
जबकि देहरादून नगर निगम में हालांकि रसीद नहीं देने का रहा है।
कहा कि आवेदकों को रसीद मिलने से उनके पास एक प्रूफ होता है। शिकायत में कहा कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए शुल्क लेने के बावजूद रसीद नहीं दी जाती है। शिकायतकर्ता ने सवाल उठाया कि यह शुल्क कहाँ जा रहा है। इस मामले में शाशन ने देहरादून नगर निगम सहित सभी निकायों में जांच के आदेश दिए हैं।