बेटे वीरेंद्र के टिकट पर हरदा ने कुछ यूं पेश की अपनी सफाई

Social media पर हरीश रावत ने लिखा है…

पुत्र या कार्यकर्ता श्री Virender Rawat ने 1998 से निरंतर कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में उत्तराखंड में काम किया है और 2009 से निरंतर हरिद्वार में काम किया है, गांव-गांव लोगों के दु:ख-सुख में खड़े रहे हैं।

1996 में दिल्ली के सबसे बड़े महाविद्यालय दयाल सिंह डिग्री कॉलेज के अध्यक्ष रहे हैं, दिल्ली NSUI के महासचिव रहे हैं, उत्तराखंड में युवक कांग्रेस, कांग्रेस सेवादल और अब उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं। पार्टी हाई कमान ने खूब जानकारी एकत्रित की, जब निश्चित हो गया कि पुत्र नहीं कार्यकर्ता भारी है, तब विरेंद्र रावत का हरिद्वार लोकसभा प्रत्याशी के रूप में चयन हुआ।

विरेंद्र बेटे भी हैं, शिष्य भी हैं, मगर मैं एक बात पूरी दृढ़ता से कहना चाहूंगा कि सेवा, समर्पण, समन्वय, समरचता और विकास की सोच के मामले में विरेंद्र मुझसे 19 साबित नहीं होंगे बल्कि कालांतर में 21 साबित होंगे।

सम्बंधित खबरें