दून में गूंजे माउथऑर्गन के सुर, प्लेर्यस ने दिलकश नगमों से बांधा समा
एमडीडी के सहयोग से आयोजित छठी मीट में जुटे कई हार्मोनिका प्लेयर्स,
बांसुरी और गिटार पर भी दी प्रस्तुति
देहरादून। मेरी भीगी-भीगी सी, जिसका मुझे था इंतजार, ऐसा मौका फिर कहां
मिलेगा… हिंदी फिल्म सिनेमा के ये सुपरहिट नगमे दून में माउथऑर्गन से
निकले तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। अवसर था दून हार्मोनिका क्लब की छठी मीट
का। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के सहयोग से हरिद्वार रोड स्थित एक
होटल में आयोजित इस मीट में देहरादून के हार्मोनिका प्लेयर्स के अलावा
बांसुरी व गिटारवादकों ने भी अपने हुनर का जलवा बिखेरा।
तीन अलग-अलग सत्रों में चले इस कार्यक्रम का उद्घाटन एमडीडीए के उपाध्यक्ष
बंशीधर तिवारी ने किया। उन्होंने कहा कि संगीत न सिर्फ मन का सुकून देता है
बल्कि इससे एकाग्रता और सृजनशीलता में भी मदद मिलती है। उन्होंने
हार्मोनिका प्लेयर्स की प्रस्तुतियों का लुत्फ उठाया। उन्होंने कहा कि इस
तरह के आयोजनों से नई प्रतिभाओं को मंच मिलता है और आगे बढ़ने की प्रेरणा
मिलती है। क्लब के संयोजक आलोक बहुगुणा ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में प्रकाश मधवाल ने माउथआर्गन पर जिसका मुझे था इंतजार, तुमसे
मिलने की तमन्ना है, परदेशिया ये सच है पिया, मनोज माथुर ने ऐसा मौका फिर
कहां मिलेगा, छलकाये जाम गीत सुनाकर सबको झूमने के लिए मजबूर कर दिया ।
आलोक बहुगुणा की नजर न लग जाए व वादियां मेरा दामन गीत, अनिल क्षेत्री की
कभी न कभी तो किसी न किसी से, राकेश खंडूड़ी की अकेले अकेले कहां जा रहे
हो, नवीन कुमार की पापा कहते हैं, श्रैया बैनर्जी की मेरी भीगी-भीगी सी
प्रस्तुति भी खूब पसंद की गई। छह वर्षीय अवश्री बैनर्जी ने माउथऑर्गन पर
लकड़ी की काठी..गीत सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रद्धा शर्मा ने की
बोर्ड पर एक मेरी जोहरा जबी, राजेश कोरी की बांसुरी पर हुस्न पहाड़ों का,
नवीन उपाध्याय की बांसुरी व गायन से और संदीप सिंह ने ये अपना दिल तो अवारा
प्रस्तुति से समा बांधा। कार्यक्रम में जितेंद्र नवानी ने गिटार पर नगमें
सुनाएं। कार्यक्रम का समापन माउथऑर्गन प्लेयर्स के लाखों हैं निगाहों
में…समूह गीत से हुआ। संचालन मीनाक्षी दीक्षित ने किया।