स्मार्ट मीटर से बिजली बिल के झगड़े होंगे खत्म, बिजली चोरी पर कसेगी लगाम, यूपीसीएल के हर ट्रांसफार्मर, फीडर में एक एक यूनिट का रहेगा हिसाब, इंजीनियरों की तय होगी जवाबदेही
देहरादून। यूपीसीएल की ओर से राज्य के 15.88 लाख घरों में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाए जाने का काम जल्द शुरू होने जा रहा है। स्मार्ट मीटर लगने से बिजली बिलो के झगड़े खत्म होंगे। बिजली चोरी पर लगाम कसने में मदद मिलेगी। पिटकुल से यूपीसीएल के पास पहुंचने वाली बिजली की एक एक यूनिट का हिसाब किताब ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा।
इस समय लाइन लॉस, बिजली चोरी के कारण हर साल उत्तराखंड को एक हजार करोड़ से अधिक का सीधा नुकसान होता है। इसके अलावा स्टील फर्नेश कंपनियां समय पर बिजली बिल जमा नहीं कराती। जिन फीडर से ये फर्नेश की कंपनियां बिजली चोरी कर नुकसान पहुंचाती है, उनका नुकसान स्थानीय इंजीनियरों की मिलीभगत से दूसरे पब्लिक फीडर पर बुक करने का खेल बंद होगा। स्मार्ट मीटर लगने के बाद जैसे ही बिजली पिटकुल के फीडर से यूपीसीएल के 33 केवी सब स्टेशन में पहुंचेंगी, तो वहां लगे स्मार्ट मीटर में पूरा रिकॉर्ड आ जाएगा।
33 केवी फीडर से बिजली 11 केवी फीडर पर पहुंचने पर वहां लगे मीटर में ब्यौरा दर्ज होगा। इसके बाद 11 केवी सब स्टेशन से कालोनी, मोहल्लो, बाजार में लगे ट्रांसफार्मर में पहुंचेगी, यहां ट्रांसफार्मर में लगे मीटर में भी बिजली का ब्यौरा दर्ज होगा। ट्रांसफार्मर से जितने उपभोक्ताओं के यहां बिजली पहुंचेंगी, वहां एक एक यूनिट का हिसाब जुटाया जा सकेगा। एक मिनट में मालूम चल सकेगा कि किस सब स्टेशन के किस मोहल्ले, बाजार, औद्योगिक क्षेत्र, उद्योगों में बिजली चोरी हो रही है।
जितनी खर्च होगी बिजली, उतना आएगा बिजली बिल
बिजली उपभोक्ता जितनी बिजली खर्च करेंगे, उनका उतना ही बिल आएगा। मीटर तेज चलने, रीडिंग सही न आने की शिकायतें बंद होंगी। बिल ठीक कराने, चेक मीटर लगाने को उपभोक्ताओं को यूपीसीएल के चक्कर नहीं काटने होंगे।
बिल वसूलने को नहीं लगानी होगी दौड़
अभी बिल वसूलने को यूपीसीएल की टीम को उपभोक्ताओं के चक्कर काटने होते हैं। खासतौर पर सरकारी बिजली कनेक्शनों के मामले में सबसे अधिक दिक्कत पेश आती है। सरकारी विभाग कभी भी समय पर बिल जमा नही कराते हैं। अब बिल वसूलने को उपनल कर्मचारियों समेत प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को नहीं लगाना होगा।
स्थानीय इंजीनियरों की तय हो सकेगी जवाबदेही
बिजली चोरी, लाइन लॉस के मामले में अब यूपीसीएल के स्थानीय इंजीनियरों की जवाबदेही तय होगी। इंजीनियर अब ये नहीं कह सकेंगे की उनके डिवीजन, सब डिवीजन क्षेत्र में बिजली चोरी नहीं हो रही है।
मैदान में शत प्रतिशत, पहाड़ों में सिर्फ मुख्यालय पर
स्मार्ट मीटर देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर, नैनीताल क्षेत्र में शत प्रतिशत लगेंगे। हालांकि देहरादून में चकराता डिवीजन क्षेत्र में स्मार्ट मीटर नहीं लगेंगे। इसके अलावा पहाड़ी जिलों में जिला मुख्यालय और प्रमुख टाउन एरिया में ये मीटर लगाए जाएंगे।