त्रिवेंद्र सरकार ने रुआब रखने वालों को धामी सरकार ने दिखाया आईना, ऐठन से अकडे, गुप्ता बंधुओं को 24 घंटे से कम।अंतराल में पहुँचाया जेल की सलाखों के पीछे
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार में जिन गुप्ता बंधुओं की तूती बोलने लगी थी, उन गुप्ता बंधुओं को धामी सरकार ने जेल की सलाखों के पीछे धकेलने में देर नहीं लगाई। 24 घंटे से कम अंतराल में बिल्डर सत्येंद्र साहनी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित आज सुधोवाला में हैं। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
सहारनपुर से अपने धंधे की शुरुआत करने वाले तीन गुप्ता बंधुओं ने 90 से 2000 के दशक में साउथ अफ्रीका में कंप्यूटर का कारोबार जमाया। जब ये अच्छा पनप गए तो वहां की सरकार में इनकी दखलंदाजी बढ़ी। नतीजा, वहां के राष्ट्रपति रहे जैकब जुंबा के बेटे के साथ मिलकर बहुत कुछ कर डाला। बहुत कमाया पर गलत को एक दिन अर्श पर तो आना होता है। जुंबा के बुरे दिन आये और भ्रस्टाचार के आरोपो में जेल जाना पड़ा। सरपरस्ती में जी रहे गुप्तओं को भी वहां से निकलना पड़ा। रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हुए। सऊदी, uae का उन्होंने रुख किया।
इधर, उत्तराखंड में 2017 में यहां त्रिवेंद्र की सरकार आयी तो इनकी भाँचे खिल गयी। भाई लोगों को कहा जाए तो सरकारी संरक्षण मिलने लगा। सिक्योरिटी भी सरकार ने दी। हरिद्वार जब ये लोग आते तो मनमानी करते। बगैर अनुमति हेली उतार देते। देहरादून में इनकी पहले से डालनवाला में आलीशान का भी आलिशान ठिकाना रहा। इन्होंने कुछ लोगों को देहरादून में जमकर पनपाया भी।
इधर, त्रिवेंद्र सरकार के दौरान ही इन्होंने औली जैसे संवेदनशील क्षेत्र में अपने खानदान के एक चश्मे चुराग की इन्होंने बुग्याल में टेंट गढ़वा कर शादी कराई। तमाम बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ आये। त्रिवेंद्र सरकार तमाम विरोध के बावजूद इनके समर्थन में खड़ी रही। इसके बाद ये लोग ed के झमेलों में फंसे। इनकी आलीशान कोठी में तमाम जांच पड़ताल हुई लेकिन बच निकले।
खैर, अब धामी ने इन्हें लपकने में देर नहीं लगाई। बता दे कि जिन साहनी बिल्डर के आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में इन्हें गिरफ्तार किया गया वो साहनी देहरादून के अच्छे बिल्डर में से एक थे। गुरुद्वारे में उनकी सेवा के चर्चे किसी से नहीं छुपे लेकिन इन लोगों ने पुलिस के मुताबिक उन्हें आत्महत्या को मजबूर कर दिया। खैर अब ये गुप्ता जेल में हैं।